इल्जामात लगाने वाला ही निकला शातिर बदमाश, जुए सट्टेे का करता है कारोबार, पुलिस की सुचना पर भी नहीं आरहा बयान देने.
इंदौर : इल्जामात लगाने वाला ही निकला शातिर बदमाश, जुए सट्टेे से करता है अवैध कारोबार, पुलिस की सुचना पर भी नहीं आरहा बयान देने. कोई भी बहाना बना बयान से बचता आरहा ब्लेकमेलर. गयाजी बिहार के रहने वाला प्रकाश वर्मा गलत तथ्यों के आधार पर समाचार लगवाने में कामयाब तो हो गया किंतु जब आगे खोजबीन की गई तो इल्जाम लगाने वाला प्रकाश वर्मा ही गुनाहों के कटघरे में खड़ा दिखाई दिया!
प्रकाश वर्मा ने थाना भवरकुंवा में आवेदन के माध्यम से इंदौर होटल व्यवसायी ओमप्रकाश सलूजा व उनके पुत्र पर दोषारोपण करते हुए कहाँ की सलूजा ने उनका करीब अस्सी लाख रूपये हड़प लिया है, कहानी बनाई गई की स्वयं की पुत्री के एडमिशन के लिये राशि दी गई वह भी हवाले के माध्यम से जबकी हवाला लेनदेन गैरकानूनी हो गहन आपराधिक श्रेणी में आता है, इसके बाद लेनदेन का कोई भी शाक्ष्य उनके पास मौजूद नहीं है! जबकी दूसरी ओर ओमप्रकाश सलूजा अपने पर बेबुनियाद प्रकरण लदने पर भी थाना भवरकुंवा जाकर अपना बयान दे चुके! वह कहते है की हाँ प्रकाश वर्मा मेरे परिचित मित्रों में से एक है, वह जब भी इंदौर आते है तो में ही उनकी अग़वाई कर स्वागतसत्कार करता हूँ, इसबार भी जब वह इंदौर आए तो मेरी ही होटल में पंद्रह सोलह दिन रहे, मैंने ठहरने, खानेपीने से लगाकर सब सुविधाएं उन्हें दी, मेरा बिजनेस होने के बाद भी एक पैसा उनसे नहीं लिया, जबकी जरूरत पड़ने पर उल्टा पैसा दिया! वह किसी भी काम का कहकर मुझसे उधार मांग आगे हिसाब करने की बात करते थे, में भी परदेशी मित्र की सहायता में अपना कर्तव्य समझता उन्हें रुपया पैसा देदिया करता! एक दिन उनकी मांग लाखों रुपयों तक आगई, जब मैंने पता लगाया तो जुए की बात सामने आई! जिसपर से मैंने पैसे देने से इंकार कर दिया, बस फ़िर क्या था भाईसाहब ने मुझपर मनघड़त इल्जामात लगा पुलिस में शिकायत कर दी! आज में ओर मेरा बेटा गौरव अपने बयान थाने में देकर आगए किंतु वह अपने बयान देने थाने में आने से भी क्यूं कतरा रहा है, जो की अपने आप में एक बड़ा प्रश्न है! ओमप्रकाश सलूजा आगे कहते है की बड़े फलदार वृक्ष पर तो हर कोई पत्थर फेंकता है, लेक़िन वृक्ष उनके डर से फलना फूलना तो नहीं छोड़ देता!